
कैसे हटाए पुराने से पुराने पिम्पल्स को? पिम्पल्स का घरेलु और आयुर्वेदिक इलाज!
सार:
किशोरों और किशोरों में मुंहासे और फुंसियाँ बहुत आम समस्याएँ हैं। आयुर्वेद हमारी आंतरिक और बाहरी सुंदरता दोनों को उचित संतुलन बनाने के लिए जोड़ता है। यह हमारे अपने हार्मोन द्वारा उत्पादित अतिरिक्त तेल के कारण छिद्रों के बंद होने के कारण होता है। ऐसी परिस्थितियों में, किसी भी सिंथेटिक सौंदर्य प्रसाधन से बचने और मुंहासों के लिए आयुर्वेदिक उपचार अपनाने की सलाह दी जाती है। यह न केवल किफ़ायती है और मुंहासों के लिए सबसे अच्छा स्पॉट ट्रीटमेंट है, बल्कि इस कठोर स्थिति से लंबे समय तक राहत भी देता है।

मुँहासे और फुंसियों के कारण Causes for Acne and Pimples
मुँहासे और फुंसियों के होने के कुछ प्रमुख कारण कुछ इस प्रकार से हैं:
- हार्मोनल परिवर्तन
- आनुवांशिक संवेदनशीलता
- शराब का सेवन और धूम्रपान
- अपर्याप्त पानी का सेवन
- बंद छिद्र
मुंहासे, फुंसी और व्हाइटहेड्स के कुछ प्रमुख कारणों में प्रदूषण और धूल के संपर्क में आना, चिंता, तनाव, कार्बोनेटेड पेय, मसालेदार या तैलीय भोजन आदि शामिल हैं। मुंहासों के लिए आयुर्वेदिक उपचार दीर्घकालिक राहत प्रदान करने के लिए समग्र दृष्टिकोण और हर्बल उपचार का उपयोग करता है।
आयुर्वेद में मुँहासे का उपचार Treatment for Acne in Ayurveda
आयुर्वेद के अनुसार, त्वचा संबंधी समस्याओं का मूल कारण तीन दोषों – वात, पित्त और कफ का असंतुलन है। सतही उपचार से आपको स्थायी समाधान नहीं मिलेगा। डॉक्टर आपको सबसे अच्छा उपचार प्रदान करने के लिए प्रत्येक कारक पर अलग से विचार करता है जिसमें नास्य, विरेचन, रक्तमोक्षण, वमन आदि शामिल हो सकते हैं।

आयुर्वेद मुँहासे को जड़ से खत्म करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। इसलिए हर्बल उपचार के साथ-साथ, यह उचित आहार और जीवनशैली में बदलाव का भी सुझाव देता है।
मुहांसे और फुंसियों के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियाँ Useful Herbs for Acne and Pimples
लोधरा, शाल्मली, हल्दी, चंदन, सारीबा, वचा, मंजिष्ठा, कुष्ट जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मुहांसे और फुंसियों के उपचार के दौरान बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, खस-खस, जतिफल और नीम और गुडुची जैसे रक्त शोधक के अन्य स्थानीय अनुप्रयोग लाभकारी माने जाते हैं और मुहांसे के लिए सबसे अच्छा स्पॉट उपचार हैं।
कुछ आयुर्वेदिक टिप्स और उपचार Some Ayurvedic Tips and Remedies
- 1 चम्मच नींबू और 1 चम्मच दालचीनी पाउडर लें। इन्हें अच्छे से मिलाएँ और प्रभावित जगह या दाग पर लगाएँ।
- प्रभावित जगह पर संतरे के छिलके का पेस्ट लगाना मुहांसे और फुंसियों को दूर करने का कारगर उपाय माना जाता है।
- प्रभावित जगह पर हल्दी और गुलाब जल का पेस्ट लगाएँ। इसमें एंटीबायोटिक, एंटी-एलर्जिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो मुंहासों को कम करने में मदद करते हैं।
मुंहासे और फुंसी होने की संभावना को दूर रखने के लिए बहुत सारा पानी पीना, हरी सब्जियाँ और ताजे फल खाना, बहुत ज़्यादा तेल और मसालेदार भोजन, कार्बोनेटेड पेय आदि से बचना भी सलाह दी जाती है।

युवाओं में मुंहासे एक परेशान करने वाली कॉस्मेटिक समस्या है। हालांकि हार्मोनल असंतुलन, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग, त्वचा की एलर्जी, अपूर्ण मल त्याग आदि जैसी कई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियाँ भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। मुख्य रूप से यह समस्या गंभीर नहीं होती है और 2-3 महीने के बाद निशान गायब हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी स्थिति जिद्दी होती है और निशान छोड़ जाती है जिसके लिए तत्काल और स्थायी ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद का दृष्टिकोण Ayurveda View
आयुर्वेद में इस विकार को युवान पिडिका के रूप में वर्णित किया गया है और रक्त को शुद्ध करने और एलर्जी से राहत देने के लिए बहुत सारी आंतरिक दवाओं की सलाह दी जाती है, साथ ही त्वचा को आराम देने और निशान मिटाने के लिए हर्बल फेस पैक का उपयोग किया जाता है। आस्था आयुर्वेद द्वारा दिल्ली में पिंपल्स के लिए सबसे अच्छा और प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार प्रदान किया जाता है।

इस विकार के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटियाँ:
जतीफला, माशा, हरिद्रा, धान्यक, कुमकुम आदि।
प्रभावी घरेलू उपचार:
- जायफल को थोड़े से पानी के साथ पत्थर पर रगड़ें। इसका पेस्ट बनाएँ और इसे प्रभावित त्वचा पर लगाएँ।
- चेहरे पर शहद लगाएँ।
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